श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 11: कैकेयी का राजा को दो वरों का स्मरण दिलाकर भरत के लिये अभिषेक और राम के लिये चौदह वर्षों का वनवास माँगना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  2.11.16 
 
 
सत्यसंधो महातेजा धर्मज्ञ: सत्यवाक्शुचि:।
वरं मम ददात्येष सर्वे शृण्वन्तु दैवता:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  "हे सभी देवताओं, सुनो! यह महातेजस्वी, सत्य के वचनों का पालन करने वाला, धर्म का ज्ञाता, सत्यवादी और शुद्ध आचरण-विचार वाले राजा मुझे वरदान दे रहे हैं।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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