श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 1: श्रीराम के सद्गुणों का वर्णन, राजा दशरथ का श्रीराम को युवराज बनाने का विचार  »  श्लोक 46
 
 
श्लोक  2.1.46 
 
 
नानानगरवास्तव्यान् पृथग्जानपदानपि।
समानिनाय मेदिन्यां प्रधानान् पृथिवीपति:॥ ४६॥
 
 
अनुवाद
 
  भूपाल ने अलग-अलग नगरों में रहने वाले प्रमुख व्यक्तियों और अन्य जनपदों के सामंत राजाओं को भी मंत्रियों के माध्यम से अयोध्या में बुलावा भेजा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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