उनका शरीर निरोग तथा अवस्था युवा थी। वे सुंदर वक्ता तथा सुंदर शरीर से सुशोभित थे। वे देश और काल की परिस्थितियों को समझने वाले थे। उन्हें देखते ही ऐसा लगता था कि विधाता ने संसार में समस्त पुरुषों के सार तत्व को समझने वाले साधु पुरुष के रूप में एकमात्र श्रीराम को ही प्रकट किया है।