श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  1.75.9 
 
 
मम सर्वविनाशाय सम्प्राप्तस्त्वं महामुने।
न चैकस्मिन् हते रामे सर्वे जीवामहे वयम्॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  हे महामुने! (इस प्रकार शस्त्रत्याग की प्रतिज्ञा करके भी) आप मेरा सर्वनाश करने के लिए कैसे आ गए? (यदि आप कहें कि मेरा रोष केवल राम पर है तो) एकमात्र राम के मारे जाने पर ही हम सब लोग अपने जीवन का परित्याग कर देंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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