श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  1.75.4 
 
 
तदहं ते बलं दृष्ट्वा धनुषोऽप्यस्य पूरणे।
द्वन्द्वयुद्धं प्रदास्यामि वीर्यश्लाघ्यमहं तव॥ ४॥
 
 
अनुवाद
 
  तूने इस धनुष को चढ़ाया है, तुम्हारा बल भी कैसा अद्भुत है। इसको देखकर मैं तुम्हें द्वन्द्वयुद्ध प्रदान करूँगा, जो तुम्हारे पराक्रम के लिए प्रशंसनीय होगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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