वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना
»
श्लोक 24
श्लोक
1.75.24
वधमप्रतिरूपं तु पितु: श्रुत्वा सुदारुणम्।
क्षत्रमुत्सादयं रोषाज्जातं जातमनेकश:॥ २४॥
अनुवाद
play_arrowpause
पितृ हत्या का समाचार सुनकर मैं रोष से भर गया और मैंने बार-बार उत्पन्न हुए क्षत्रियों का अनेक बार संहार किया, क्योंकि वह वध पिता श्री दशरथ के योग्य नहीं था।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.