श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  1.75.24 
 
 
वधमप्रतिरूपं तु पितु: श्रुत्वा सुदारुणम्।
क्षत्रमुत्सादयं रोषाज्जातं जातमनेकश:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  पितृ हत्या का समाचार सुनकर मैं रोष से भर गया और मैंने बार-बार उत्पन्न हुए क्षत्रियों का अनेक बार संहार किया, क्योंकि वह वध पिता श्री दशरथ के योग्य नहीं था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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