श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 20-21h
 
 
श्लोक  1.75.20-21h 
 
 
धनू रुद्रस्तु संक्रुद्धो विदेहेषु महायशा:॥ २०॥
देवरातस्य राजर्षेर्ददौ हस्ते ससायकम्।
 
 
अनुवाद
 
  तदनन्तर अत्यंत प्रतापी क्रुद्ध हुए रुद्र ने धनुष सहायक बाण सहित विदेह देश के राजा देवरात के हाथों में थमा दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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