श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 19-20h
 
 
श्लोक  1.75.19-20h 
 
 
जृम्भितं तद् धनुर्दृष्ट्वा शैवं विष्णुपराक्रमै:॥ १९॥
अधिकं मेनिरे विष्णुं देवा: सर्षिगणास्तथा।
 
 
अनुवाद
 
  देवताओं और ऋषियों ने देखा कि भगवान विष्णु के पराक्रम से शिवजी का धनुष शिथिल हो गया है, इसलिए उन्होंने भगवान विष्णु को श्रेष्ठ माना।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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