श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 15-16h
 
 
श्लोक  1.75.15-16h 
 
 
अभिप्रायं तु विज्ञाय देवतानां पितामह:॥ १५॥
विरोधं जनयामास तयो: सत्यवतां वर:।
 
 
अनुवाद
 
  देवताओं की इस मंशा को जानकर सत्यवादी ब्रह्मा जी ने उन दोनों देवताओं (शिव और विष्णु) के बीच विरोध को उत्पन्न कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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