श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 75: राजा दशरथ की बात अनसुनी करके परशुराम का श्रीराम को वैष्णव-धनुष पर बाण चढ़ाने के लिये ललकारना  »  श्लोक 14-15h
 
 
श्लोक  1.75.14-15h 
 
 
समानसारं काकुत्स्थ रौद्रेण धनुषा त्विदम्।
तदा तु देवता: सर्वा: पृच्छन्ति स्म पितामहम्॥ १४॥
शितिकण्ठस्य विष्णोश्च बलाबलनिरीक्षया।
 
 
अनुवाद
 
  देवता महाराज! यह भी भगवान शिव के धनुष की तरह ही शक्तिशाली है। एक बार सभी देवताओं ने पितामह ब्रह्माजी से भगवान शिव और भगवान विष्णु की शक्ति का पता लगाने के लिए पूछा था कि "इन दोनों देवताओं में से कौन अधिक शक्तिशाली है"।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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