श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  1.68.9 
 
 
तच्च रत्नं धनुर्दिव्यं मध्ये भग्नं महात्मना।
रामेण हि महाबाहो महत्यां जनसंसदि॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  हे महाबाहो! महात्मा श्रीराम ने भरी जनसभा में मेरे यहाँ रखे हुए रत्नस्वरूप दिव्य धनुष को तोड़ डाला है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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