श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  1.68.2 
 
 
ते राजवचनाद् गत्वा राजवेश्म प्रवेशिता:।
ददृशुर्देवसंकाशं वृद्धं दशरथं नृपम्॥ २॥
 
 
अनुवाद
 
  राजवचनानुसार वे राजमहल में प्रवेश कर गये। वहाँ पहुँचकर उन्होंने देवताओं के समान तेजस्वी वृद्ध महाराज दशरथ के दर्शन किये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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