श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  1.68.19 
 
 
मन्त्रिणस्तु नरेन्द्रस्य रात्रिं परमसत्कृता:।
ऊषु: प्रमुदिता: सर्वे गुणै: सर्वै: समन्विता:॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  महाराज दशरथ के मंत्री सभी सद्गुणों से परिपूर्ण थे। राजा ने उनका बहुत सम्मान किया। इसलिए जब उन्होंने बारात के लिए प्रस्थान करने का समाचार सुना, तो उन्होंने उस रात को बड़े हर्ष के साथ बिताया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डेऽष्टषष्टितम: सर्ग:॥ ६८॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें अड़सठवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ६८॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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