वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना
»
श्लोक 17
श्लोक
1.68.17
यदि वो रोचते वृत्तं जनकस्य महात्मन:।
पुरीं गच्छामहे शीघ्रं मा भूत् कालस्य पर्यय:॥ १७॥
अनुवाद
play_arrowpause
यदि तुम्हें जनक महाराज की पुरी जाने में रुचि हो, तो हमें शीघ्र ही मिथिला की ओर प्रस्थान कर लेना चाहिए। समय व्यतीत करने का कोई कारण नहीं है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.