श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  1.68.16 
 
 
दृष्टवीर्यस्तु काकुत्स्थो जनकेन महात्मना।
सम्प्रदानं सुतायास्तु राघवे कर्तुमिच्छति॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  महाराज जनक ने भगवान श्रीराम के पराक्रम को देखा है और इसलिए वे अपनी पुत्री सीता का विवाह रघुकुल के रत्न श्रीराम के साथ करना चाहते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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