श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 68: राजा जनक का संदेश पाकर मन्त्रियों सहित महाराज दशरथ का मिथिला जाने के लिये उद्यत होना  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  1.68.11 
 
 
सोपाध्यायो महाराज पुरोहितपुरस्कृत:।
शीघ्रमागच्छ भद्रं ते द्रष्टुमर्हसि राघवौ॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  महाराज! आपके गुरु और पुरोहित यहाँ शीघ्र ही पहुँच रहे हैं। अपने दोनों पुत्र रघुकुल भूषण श्रीराम और लक्ष्मण को देखिए। आपका कल्याण हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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