हे नरश्रेष्ठ श्रीराम! तत्पश्चात, यज्ञ समाप्त होने पर सभी उच्च श्रेणी के देवताओं और तपस्वी ऋषियों ने जिस प्रकार से यज्ञ में भाग लिया था, उसी प्रकार से वे सभी अपने-अपने स्थानों को लौट गए।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे षष्टितम: सर्ग:॥ ६०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें साठवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ६०॥