श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 6: राजा दशरथ के शासनकाल में अयोध्या और वहाँ के नागरिकों की उत्तम स्थिति का वर्णन  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  1.6.5 
 
 
तेन सत्याभिसंधेन त्रिवर्गमनुतिष्ठता।
पालिता सा पुरी श्रेष्ठा इन्द्रेणेवामरावती॥ ५॥
 
 
अनुवाद
 
  धर्म, अर्थ और काम की सिद्धि के लिए अनुष्ठान संपन्न करते हुए वो सत्यनिष्ठ राजा महान् अयोध्यापुरी का शासन करते थे, बिल्कुल उसी तरह जैसे देवराज इन्द्र अमरावती का शासन करते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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