अद्य ते कालपाशेन नीता वैवस्वतक्षयम्॥ १८॥
सप्तजातिशतान्येव मृतपा: सम्भवन्तु ते।
श्वमांसनियताहारा मुष्टिका नाम निर्घृणा:॥ १९॥
अनुवाद
आज कालपाश में बंधकर यमराज के घर पहुँचा दिए गए। अब ये सात सौ जन्मों तक मरे हुए लोगों की रखवाली करने के लिए, निश्चित रूप से कुत्ते का मांस खाने वाली "मुष्टिक" नाम की क्रूर और निर्दयी चांडाल जाति में जन्म लेंगे।