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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 51: शतानन्द को अहल्या के उद्धार का समाचार बताना,शतानन्द द्वारा श्रीराम का अभिनन्दन करते हुए विश्वामित्रजी के पूर्वचरित्र का वर्णन
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श्लोक 12
श्लोक
1.51.12
तच्छ्रुत्वा वचनं तस्य विश्वामित्रस्य धीमत:।
शतानन्दो महातेजा रामं वचनमब्रवीत्॥ १२॥
अनुवाद
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बुद्धिमान विश्वामित्र की बात सुनकर प्रतापी शतानंद ने श्रीराम से यह बात कही।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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