श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  1.40.30 
 
 
ततस्तेनाप्रमेयेण कपिलेन महात्मना।
भस्मराशीकृता: सर्वे काकुत्स्थ सगरात्मजा:॥ ३०॥
 
 
अनुवाद
 
  श्री राम ! उस शक्तिशाली निंदा के साथ ही उन अनंत प्रभावशाली महात्मा कपिल ने उन सभी सगर पुत्रों को जलाकर राख में बदल दिया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे चत्वारिंश: सर्ग:॥ ४०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें चालीसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ४०॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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