श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना  »  श्लोक 29-30h
 
 
श्लोक  1.40.29-30h 
 
 
श्रुत्वा तद् वचनं तेषां कपिलो रघुनन्दन॥ २९॥
रोषेण महताविष्टो हुङ्कारमकरोत् तदा।
 
 
अनुवाद
 
  रघुनन्दन! उनकी बातें सुनकर भगवान कपिल के क्रोध से भर गए और क्रोध के आवेश में ही उन्होंने एक हुंकार भरी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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