श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  1.40.26 
 
 
हयं च तस्य देवस्य चरन्तमविदूरत:।
प्रहर्षमतुलं प्राप्ता: सर्वे ते रघुनन्दन॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  देवराज कपिल के पास ही राजा सगर के यज्ञ का वह घोड़ा भी चर रहा था। हे रघुनंदन! उसे देखकर उन्हें अनुपम हर्ष प्राप्त हुआ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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