श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  1.40.19 
 
 
ते तं प्रदक्षिणं कृत्वा सगरस्य महात्मन:।
षष्टि: पुत्रसहस्राणि पश्चिमां बिभिदुर्दिशम्॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  महात्मा सगर के साठ हजार पुत्रोंने उस दिग्गज हाथी की परिक्रमा करके पश्चिम दिशा की भूमि को खोदना शुरू कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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