श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  1.40.16 
 
 
ते तं प्रदक्षिणं कृत्वा दिशापालं महागजम्।
मानयन्तो हि ते राम जग्मुर्भित्त्वा रसातलम्॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम! पूर्व दिशा के रक्षक विशाल गजराज विरूपाक्ष की परिक्रमा करके और उनका सम्मान करके सगर के पुत्र रसातल के भेदन से आगे बढ़ गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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