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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 40: सगर के पुत्रों का पृथ्वी को खोदते हुए कपिलजी के पास पहुँचना और उनके रोष से जलकर भस्म होना
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श्लोक 11
श्लोक
1.40.11
भूय: खनत भद्रं वो विभेद्य वसुधातलम्।
अश्वहर्तारमासाद्य कृतार्थाश्च निवर्तत॥ ११॥
अनुवाद
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सम्पूर्ण पृथ्वी पर पुनः खोद-खोज करो। यह पृथ्वी खोदकर उसका पता लगाओ कि अश्वचोर कहाँ है। उस चोर तक पहुँचकर सफलता पाकर ही वापस लौटना।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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