किसी एक मुनि ने उन्हें कमण्डलु दिया, तो दूसरे महामुनि ने उन्हें मुंज की मेखला भेंट की। तीसरे मुनि ने उन्हें आसन और चौथे मुनि ने उन्हें कौपीन प्रदान किया। इसके बाद किसी दूसरे मुनि ने प्रसन्न होकर उन बालकों के लिए कुठार समर्पित कर दिया। एक अन्य मुनि ने उन्हें गेरुआ वस्त्र दिया तो किसी अन्य मुनि ने चीर भेंट किया।॥ २२—२३॥