वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 31: श्रीराम, लक्ष्मण तथा ऋषियों सहित विश्वामित्र का मिथिला को प्रस्थान तथा मार्ग में संध्या के समय शोणभद्र तट पर विश्राम
»
श्लोक 5
श्लोक
1.31.5
एवमुक्ते तयोर्वाक्ये सर्व एव महर्षय:।
विश्वामित्रं पुरस्कृत्य रामं वचनमब्रुवन्॥ ५॥
अनुवाद
play_arrowpause
उन दोनों के ऐसे कहने पर सभी ऋषियों ने विश्वामित्र जी को आगे करके श्री रामचंद्र जी से कहा-।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.