श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 31: श्रीराम, लक्ष्मण तथा ऋषियों सहित विश्वामित्र का मिथिला को प्रस्थान तथा मार्ग में संध्या के समय शोणभद्र तट पर विश्राम  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  1.31.4 
 
 
इमौ स्म मुनिशार्दूल किंकरौ समुपागतौ।
आज्ञापय मुनिश्रेष्ठ शासनं करवाव किम्॥ ४॥
 
 
अनुवाद
 
  हे मुनिवर! हम दोनों नौकर आपकी सेवा में उपस्थित हैं। हे श्रेष्ठ मुनि! आज्ञा दें, हम आपकी क्या सेवा करें?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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