श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 31: श्रीराम, लक्ष्मण तथा ऋषियों सहित विश्वामित्र का मिथिला को प्रस्थान तथा मार्ग में संध्या के समय शोणभद्र तट पर विश्राम  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  1.31.18 
 
 
मृगपक्षिगणाश्चैव सिद्धाश्रमनिवासिन:।
अनुजग्मुर्महात्मानं विश्वामित्रं तपोधनम्॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  सिद्धाश्रम में रहने वाले मृग और पक्षी भी तपस्वी विश्वामित्र के पीछे-पीछे चलने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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