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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 31: श्रीराम, लक्ष्मण तथा ऋषियों सहित विश्वामित्र का मिथिला को प्रस्थान तथा मार्ग में संध्या के समय शोणभद्र तट पर विश्राम
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श्लोक 14
श्लोक
1.31.14
एवमुक्त्वा मुनिवर: प्रस्थानमकरोत् तदा।
सर्षिसङ्घ: सकाकुत्स्थ आमन्त्र्य वनदेवता:॥ १४॥
अनुवाद
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इस प्रकार कहकर मुनिवर विश्वामित्रजी ने वन-देवताओं से आज्ञा लेकर ऋषियों के समूह और राम-लक्ष्मण के साथ वहाँ से प्रस्थान किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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