श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 3: वाल्मीकि मुनि द्वारा रामायण काव्य में निबद्ध विषयों का संक्षेप से उल्लेख  »  श्लोक 12-14
 
 
श्लोक  1.3.12-14 
 
 
रामरामविवादं च गुणान् दाशरथेस्तथा।
तथाभिषेकं रामस्य कैकेय्या दुष्टभावताम्॥ १२॥
विघातं चाभिषेकस्य रामस्य च विवासनम्।
राज्ञ: शोकं विलापं च परलोकस्य चाश्रयम्॥ १३॥
प्रकृतीनां विषादं च प्रकृतीनां विसर्जनम्।
निषादाधिपसंवादं सूतोपावर्तनं तथा॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  श्री राम और परशुराम के बीच संवाद, दशरथ के पुत्र श्री राम के गुण, उनका अभिषेक, कैकेयी की दुष्टता, श्री राम के राज्याभिषेक में विघ्न, उनका वनवास, राजा दशरथ का शोक और मृत्यु, प्रजाओं का विषाद, यात्रा के दौरान प्रजाओं को छोड़ना, निषादराज गुह से बात करना और सूत सुमंत को अयोध्या लौटाना आदि का इसमें उल्लेख किया गया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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