श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 28: विश्वामित्र का श्रीराम को अस्त्रों की संहारविधि बताना,अस्त्रों का उपदेश करना, श्रीराम का आश्रम एवं यज्ञस्थान के विषय में प्रश्न  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  1.28.12 
 
 
केचिदंगारसदृशा: केचिद् धूमोपमास्तथा।
चन्द्रार्कसदृशा: केचित् प्रह्वाञ्जलिपुटास्तथा॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
   उनमें से कुछ तो अंगारों के समान तेजस्वी थे। कुछ धूम के समान काले दिखाई पड़ते थे और कुछ अस्त्र सूर्य और चंद्रमा के समान प्रकाशमान थे। वे सभी हाथ जोड़कर श्रीराम के सामने खड़े थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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