राजा दशरथ के वे दोनों श्रेष्ठ राजकुमार उस समय घास के बिस्तर पर लेटे हुए थे, जो उनके योग्य नहीं था। महर्षि विश्वामित्र अपने मधुर वचनों से उन्हें प्यार और दुलार दे रहे थे, जिससे उन्हें लग रहा था कि वह रात बहुत सुखद है।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे द्वाविंश: सर्ग:॥ २२॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें बाईसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ २२॥