श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 22: दशरथ का स्वस्तिवाचन पूर्वक राम-लक्ष्मण को मुनि के साथ भेजना, विश्वामित्र से बला और अतिबला नामक विद्या की प्राप्ति  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  1.22.19 
 
 
विद्याद्वयमधीयाने यशश्चाथ भवेद् भुवि।
पितामहसुते ह्येते विद्ये तेज:समन्विते॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  इन दोनों ज्ञानों का अध्ययन करने पर पृथ्वी पर तुम्हारे यश का प्रसार होगा। ये दोनों ज्ञान ब्रह्मा जी की तेजस्वी पुत्रियाँ हैं।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.