श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 18: श्रीराम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के जन्म, संस्कार, शीलस्वभाव एवं सद्गुण, राजा के दरबार में विश्वामित्र का आगमन और उनका सत्कार  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  1.18.16 
 
 
राज्ञ: पुत्रा महात्मानश्चत्वारो जज्ञिरे पृथक्।
गुणवन्तोऽनुरूपाश्च रुच्या प्रोष्ठपदोपमा:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  राजन दशरथ के ये चार महामनस्वी पुत्र अलग-अलग गुणों से सम्पन्न और सुन्दर थे। वे भाद्रपदा नामक चार तारों के समान प्रकाशमान थे। वे सभी उसी तरह चमक रहे थे जैसे तारों का समूह चमकता है।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.