श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 18: श्रीराम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के जन्म, संस्कार, शीलस्वभाव एवं सद्गुण, राजा के दरबार में विश्वामित्र का आगमन और उनका सत्कार  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  1.18.13 
 
 
भरतो नाम कैकेय्यां जज्ञे सत्यपराक्रम:।
साक्षाद् विष्णोश्चतुर्भाग: सर्वै: समुदितो गुणै:॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात कैकेयी से सत्यपराक्रमी भरत का जन्म हुआ, जो साक्षात् भगवान विष्णु के अंश से प्रकट हुए थे। वे समस्त सद्गुणों से संपन्न थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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