श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  1.16.27 
 
 
कौसल्यायै नरपति: पायसार्धं ददौ तदा।
अर्धादर्धं ददौ चापि सुमित्रायै नराधिप:॥ २७॥
 
 
अनुवाद
 
  राजन ने ऐसा कहकर उस खीर का आधा हिस्सा महारानी कौशल्या को दे दिया। फिर बचे हुए आधे हिस्से का आधा हिस्सा रानी सुमित्रा को अर्पित किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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