श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  1.16.26 
 
 
सोऽन्त:पुरं प्रविश्यैव कौसल्यामिदमब्रवीत्।
पायसं प्रतिगृह्णीष्व पुत्रीयं त्विदमात्मन:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  राजा दशरथ खीर लेकर अन्तःपुर में पहुँचे और कौसल्या से बोले - "देवी! यह पुत्र प्राप्ति हेतु विशेष खीर है, इसे ग्रहण करो।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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