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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना
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श्लोक 20
श्लोक
1.16.20
भार्याणामनुरूपाणामश्नीतेति प्रयच्छ वै।
तासु त्वं लप्स्यसे पुत्रान् यदर्थं यजसे नृप॥ २०॥
अनुवाद
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राजन! तुम यह खीर अपनी योग्य पत्नियों को दो और उनसे कहो कि इसे खा लें। ऐसा करने से उनके गर्भ से तुम्हें अनेक पुत्र प्राप्त होंगे, जिनके लिए तुम यह यज्ञ कर रहे हो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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