श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  1.16.17 
 
 
तत: परं तदा राजा प्रत्युवाच कृताञ्जलि:।
भगवन् स्वागतं तेऽस्तु किमहं करवाणि ते॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  तब राजा दशरथ ने हाथ जोड़कर कहा- ‘भगवान्! आपका स्वागत है। आप मुझे आज्ञा दीजिये, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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