वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना
»
श्लोक 17
श्लोक
1.16.17
तत: परं तदा राजा प्रत्युवाच कृताञ्जलि:।
भगवन् स्वागतं तेऽस्तु किमहं करवाणि ते॥ १७॥
अनुवाद
play_arrowpause
तब राजा दशरथ ने हाथ जोड़कर कहा- ‘भगवान्! आपका स्वागत है। आप मुझे आज्ञा दीजिये, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.