उसके तेजोमय शरीर की आभा सूर्य के समान थी। वह प्रज्वलित अग्नि की लपटों की तरह चमक रहा था। उसके हाथों में तपाये हुए जाम्बूनद सोने से बनी एक परात थी, जो चांदी के ढक्कन से ढँकी हुई थी। वह थाली बहुत बड़ी थी और दिव्य खीर से भरी हुई थी। उसे उसने अपनी दोनों भुजाओं पर इस तरह से उठा रखा था जैसे कोई प्यार से अपनी प्रिय पत्नी को गोद में लिए हुए हो। वह अद्भुत परात किसी जादू की तरह लग रही थी।