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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना
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श्लोक 13
श्लोक
1.16.13
शुभलक्षणसम्पन्नं दिव्याभरणभूषितम्।
शैलशृंगसमुत्सेधं दृप्तशार्दूलविक्रमम्॥ १३॥
अनुवाद
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वह पुरुष शुभ लक्षणों से संपन्न था। वह दिव्य आभूषणों से विभूषित था। वह शैलशिखर के समान ऊँचा था और गर्वीले सिंह के समान चलता था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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