श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 16: श्रीहरि से रावणवध के लिये प्रार्थना, पुत्रेष्टि यज्ञ में प्राजापत्य पुरुष का प्रकट हो खीर अर्पण करना और रानियों का गर्भवती होना  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  1.16.12 
 
 
कृष्णं रक्ताम्बरधरं रक्तास्यं दुन्दुभिस्वनम्।
स्निग्धहर्यक्षतनुजश्मश्रुप्रवरमूर्धजम्॥ १२॥
 
 
अनुवाद
 
  उनकी त्वचा का रंग काला था। उन्होंने अपने शरीर पर लाल रंग का वस्त्र धारण किया हुआ था। उनके मुँह का रंग भी लाल था। उनकी आवाज़ से दुन्दुभि की तरह गंभीर ध्वनि निकलती थी। उनके शरीर के बाल, दाढ़ी-मूँछ और लंबे बाल चिकने और सिंह के समान थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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