श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  1.11.6 
 
 
श्रुत्वा राज्ञोऽथ तद् वाक्यं मनसा स विचिन्त्य च।
प्रदास्यते पुत्रवन्तं शान्ताभर्तारमात्मवान्॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  राजा के इस कथन को सुनकर और उसका चितन मनन करके महान सेनापति रोमपाद शान्ता के सतपुत्रवान पति को उनके पास भेज देंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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