श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना  »  श्लोक 31
 
 
श्लोक  1.11.31 
 
 
पूज्यमाना तु ताभि: सा राज्ञा चैव विशेषत:।
उवास तत्र सुखिता कञ्चित् कालं सहद्विजा॥ ३१॥
 
 
अनुवाद
 
  शांता को उन रानियों से, विशेष रूप से महाराज दशरथ से बहुत सम्मान मिला। कुछ समय तक वह अपने पति ऋष्यशृंग के साथ वहाँ बहुत खुशी से रहीं।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे एकादश: सर्ग:॥ ११॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें ग्यारहवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ११॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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