श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  1.11.30 
 
 
अन्त:पुराणि सर्वाणि शान्तां दृष्ट्वा तथागताम्।
सह भर्त्रा विशालाक्षीं प्रीत्यानन्दमुपागमन्॥ ३०॥
 
 
अनुवाद
 
  उस समय विशाल लोचनों वाली शान्ता अपने पति के साथ बैठी थीं। उन्हें इस तरह साथ देखकर अंतःपुरवासियों को बहुत ख़ुशी हुई। वे आनंदित हो गईं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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