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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना
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श्लोक 12
श्लोक
1.11.12
स त्वं पुरुषशार्दूल समानय सुसत्कृतम्।
स्वयमेव महाराज गत्वा सबलवाहन:॥ १२॥
अनुवाद
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पुरुषसिंह महाराज! इसलिये आपको स्वयं ही सैन्य और सवारियों के साथ अंगदेश जाकर मुनि कुमार ऋष्यशृंग का सत्कारपूर्वक स्वागत करना चाहिए और उन्हें यहाँ ले आना चाहिए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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