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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 10: अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा शान्ता के साथ विवाह होने के प्रसंग का विस्तार के साथ वर्णन
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श्लोक 22
श्लोक
1.10.22
आपृच्छॺ च तदा विप्रं व्रतचर्यां निवेद्य च।
गच्छन्ति स्मापदेशात्ता भीतास्तस्य पितु: स्त्रिय:॥ २२॥
अनुवाद
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तत्पश्चात् उनके पिता विभाण्डक मुनि के डर से आतंकित वे स्त्रियाँ व्रत और अनुष्ठान का बहाना बनाकर उस ब्राह्मणकुमार से पूछकर उसी बहाने वहाँ से चली गईं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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