श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 10: अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा शान्ता के साथ विवाह होने के प्रसंग का विस्तार के साथ वर्णन  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  1.10.20 
 
 
ततस्तास्तं समालिङ्‍ग्य सर्वा हर्षसमन्विता:।
मोदकान् प्रददुस्तस्मै भक्ष्यांश्च विविधाञ्छुभान्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनंतर उन सबने हर्ष के साथ ऋषि का आलिंगन किया और उन्हें खाने के योग्य भाँति-भाँति के स्वादिष्ट पदार्थ और मिठाइयाँ अर्पित कीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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